क़िस्सा मछली मछुए का
नीले-नीले सागर तट पर
घास-फूस की कुटी बना कर,
तैंतीस वर्षों से उसमें ही
बूढ़ा-बुढ़िया रहते थे,
बुढ़िया बैठी सूत कातती
बूढ़ा जल में जाल बिछाता,
एक बार जो जाल बिछाया
वह बस काई लेकर आया,
बार दूसरी जाल बिछाया
वह बस जल-झाड़ी ही लाया,
बार तीसरी जाल बिछाया
मछली