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मित्र पर कवितांश

मित्रता दो या दो से

अधिक व्यक्तियों के बीच का अंतर्वैयक्तिक बंधन है जिसके मूल में आत्मीयता होती है। मित्रता के गुणधर्म पर नीतिकाव्यों में पर्याप्त विचार किया गया है। इस चयन में मित्र और मित्रता-संबंधी अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।

जैसे अधोवस्त्र खिसकते समय

हाथ उसे थामने के लिए तेज़ी से जाता है

वैसे ही कठिनाई के समय

तत्काल मित्र की सहायता करनी चाहिए

तिरुवल्लुवर
  • संबंधित विषय : सच

मित्र को कुपथ से हटाकर

उसे सुपथ में चलाना ही मित्रता है

मैत्री ही विपदा में

दु:ख में काम आती है

तिरुवल्लुवर

मूर्ख लोगों से

घनिष्ठ मित्रता की अपेक्षा

समझदार की शत्रुता

करोड़ों गुना अच्छी है

तिरुवल्लुवर

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