श्री० सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
यदि सामयिक हिंदी में कोई ऐसा विषय है जो अन्य सब विषयों की अपेक्षा अधिक क्लिष्ट और दुरूह समझा जा सके तो वह पं० सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का विकास है। इस कवि के व्यक्तित्व और काव्य के निर्माण में ऐसे परमाणुओं का सन्निवेश हुआ है जिनका विश्लेषण हिंदी की