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ईश्वर न काबा में है, न काशी में
ईश्वर न काबा में है, न काशी में। वह तो चर-घर में व्याप्त है-हर दिल में मौजूद है।
महात्मा गांधी
ईश्वर न तो ऊपर स्वर्ग में है
ईश्वर न तो ऊपर स्वर्ग में है, न नीचे किसी पाताल में; वह तो हर एक के हृदय में विराजमान है।
महात्मा गांधी
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मेरे लिए न मृत्यु है
आदि शंकराचार्य
न तो प्रवृत्तियों को छिपाना उचित है
न तो प्रवृत्तियों को छिपाना उचित है, न उनसे डरना कर्तव्य है और न लज्जित होना युक्तियुक्त है।
हजारीप्रसाद द्विवेदी
न तो ऋण माँगने वाले बनो
विलियम शेक्सपियर
न वह शब्द है, न अर्थ, न न्याय और न कला ही
भामह
वह न तो स्त्री है, न पुरुष है
वेदव्यास
असतकाव्य (सदोष कविता) को विद्वान् लोग साक्षात् मृत्यु कहते हैं
भामह
आर्यत्व न तो रंग में ही है
आर्यत्व न तो रंग में ही है और न कुल में है, जहाँ देवों की शरण में जाने की शक्ति है, वहीं आर्यत्व है।
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
ग़रीब आदमी
ग़रीब आदमी न तो ऐलोपैथी से अच्छा होता है, न होमियोपैथी से, उसे तो ‘‘सिम्पैथी’’ (सहानुभूति) चहिए।
हरिशंकर परसाई
दुनिया
दुनिया... न तो अधूरी है और न ही पूर्णता की ओर धीरे-धीरे बढ़ रही है: नहीं, यह हर पल में संपूर्ण है।
हरमन हेस
इतिहास में न तो कोई तर्क है
इतिहास में न तो कोई तर्क है, न इंसाफ है, न ईमानदारी है, न अंतिम ध्येय नाम की कोई चीज है ।
रामधारी सिंह दिनकर
न तो प्यार
न तो प्यार और न ही आतंक किसी को अंधा बनाता है : उदासीनता व्यक्ति को अंधा बना देती है।