हरिशंकर परसाई के उद्धरण

ग़रीब आदमी न तो ऐलोपैथी से अच्छा होता है, न होमियोपैथी से, उसे तो ‘‘सिम्पैथी’’ (सहानुभूति) चहिए।
-
संबंधित विषय : पुरुष
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिए