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जवाहरलाल नेहरू के उद्धरण

वर्तमान का और भविष्य का लाज़िमी तौर से भूतकाल में जन्म होता है और उन पर उसकी छाप होती है। इसको भूल जाने के मानी हैं, इमारत को बिना बुनियाद के खड़ा करना और क़ौमी तरक़्क़ी की जड़ को ही काट देना।