Font by Mehr Nastaliq Web

गुरु नानक के उद्धरण

वह परमात्मा किसी के द्वारा मूर्त रूप में स्थापित नहीं किया जा सकता, न ही उसे बनाया जा सकता है। वह मायातीत होकर स्वयं से ही प्रकाशमान है।