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किशनचंद 'बेवस' के उद्धरण

तुम करोड़ों मूक भारतीयों की वाणी हो। तुम्हारी ख़ामोशी तेज़ तूफ़ान का आगमन है। तुम्हारी मुस्कुराहट में पीड़ित हृदयों की कथा समाई हुई है। तुम्हारी ललाट से सत्य के चिह्न प्रकटित हैं।

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