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गजानन माधव मुक्तिबोध के उद्धरण

शमशेर की आत्मा एक रोमैंटिक क्लासिकल प्रकार की है। किंतु इंप्रेशनिस्टिक होने के कारण, उनका ज़ोर संवेदन-विशिष्टता और संवेदनाघात (पर) और केवल इसी पर होने से—वे नई कविता के एक अद्वितीय कवि के रूप में हमारे सामने आते हैं।