Font by Mehr Nastaliq Web

गजानन माधव मुक्तिबोध के उद्धरण

सामान्यीकृत भावनाएँ प्रकट करना बहुत आसान है; किंतु भाव-प्रसंग में साक्षात संवेदनाओं के वास्तविक चित्रण के लिए, अनेक नए प्रयोग अत्यंत आवश्यक हो उठते हैं।