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महात्मा गांधी के उद्धरण

सच पूछो तो हम सब द्रौपदी की ही स्थिति में हैं। हमारी लाज कोई मनुष्य नहीं ढँक सकता, उसे तो ईश्वर ही ढँक सकता है। ऐसा ज़रूर होता है कि वह अपनी सहायता मनुष्य के द्वारा भेजता है, किंतु मनुष्य तो निमित्त मात्र है।