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श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

रंगनाथ ने अपने जीवन में अब तक काफ़ी बेवकूफ़ियाँ नहीं की थीं। इसलिए उसे अनुभवी नहीं कहा जा सकता था।