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कवि कर्णपूर के उद्धरण

प्राणी मात्र को अपनी आत्मा प्यारी लगती है, इसलिए स्वरचित ग्रंथों में उसकी दोषदृष्टि नहीं होती।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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