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किशनचंद 'बेवस' के उद्धरण

नितांत बेबस अथवा निरुपाय के लिए ही प्रकृति का सहायक हाथ पहुँचता है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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