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प्रेमचंद के उद्धरण

मुहब्बत रूह की खुराक है। यह वह अमृत की बूँद है जो मरे हुए भावों को ज़िंदा कर देती है। मुहब्बत 'आत्मिक वरदान है। यह ज़िंदगी की सबसे पाक, सबसे ऊँची, सबसे मुबारक बरकत है।