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दयाराम के उद्धरण

मैं माता पिता की तुलना में निंदक का अधिक स्नेह मानता हूँ। विचार करके देखिए—माता पिता तो हमारे मलमूत्र को हाथ से धोते हैं, किंतु निंदक तो जीभ से हमारे मलमूत्र को धोते हैं।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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