लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के उद्धरण
लोग मेरी भाषा व वाक्यों पर अचरज जताते हैं, कई बार मेरा एक वाक्य बीस पेज लंबा होता है। मैंने अपनी हंगारी भाषा को इस तरह इस्तेमाल किया है कि उसे लोग ‘क्रास्ज़्नाहोरकाई हंगारी’ कहने लगे हैं। जब कोई इसे अँग्रेज़ी में अनुवाद करता है, तो उसे इसके लिए एक ख़ास किस्म की ‘क्रास्ज़्नाहोरकाई अँग्रेज़ी’ खोजनी पड़ती है।
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