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तिरुवल्लुवर के उद्धरण

किसी उपकार के प्रतिरूप किया गया उपकार कभी पूर्वकृत उपकार के समान नहीं हो सकता, यह तो उपकृत व्यक्ति की गुण-गरिमा के अनुसार ही होता है।