किसी ने लोगों को आकर्षित करने के लिए धर्म के कई चिह्न धारण किए हुए हैं और कोई अपने शरीर को कष्ट दे रहा है। उसके लिए भी यही कहना ठीक है कि हे भाई! अपने किए कर्मो का दुःख सहन कर। ये वेष धारण करने, शरीर को दुःख देने आदि भी ईश्वर के दर पर स्वीकार नहीं हो सकते।