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गजानन माधव मुक्तिबोध के उद्धरण

जो व्यक्ति ज्ञान की उपलब्धि का सौभाग्य प्राप्त करके भी यदि अपने जीवन में असफल रहा आया, अर्थात् कीर्ति, प्रतिष्ठा और ऊँचा पद न प्राप्त कर सका, तो उस व्यक्ति को सिरफिरा दिमाग़ी फ़ितूरवाला नहीं तो और क्या कहा जाएगा! अधिक से अधिक वह तिरस्करणीय, और कम से कम वह दयनीय है—उपेक्षणीय भले ही न हो।