Font by Mehr Nastaliq Web

राजेंद्र माथुर के उद्धरण

जो लोग विचारशून्यता को बेहतर मानते हैं; वे शायद 1857 के पहले के उस युग में लौट जाना चाहते हैं जबकि राजनीति नहीं थी, प्रजा अपने शासकों से कोई सवाल नहीं पूछती थी और दोनों के बीच कोई संस्थागत संपर्क ही नहीं था।