Font by Mehr Nastaliq Web

बानू मुश्ताक़ के उद्धरण

जन्म देने के चालीस दिन तक, नवजात बच्चे और जच्चा के लिए चालीस कब्रों के मुँह खुले हुए होते हैं। हर गुज़रते दिन के साथ एक-एक कब्र का मुँह बंद होता जाता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा