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गुरु नानक के उद्धरण

जैसे समुद्र में बूँदें हैं, जैसे बूँदों में समुद्र व्यापक है, वैसे ही सारे जीव-जंतु परमात्मा का अंश हैं और सारे जीवों में परमात्मा रहता है।