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महात्मा गांधी के उद्धरण

हिंदुस्तान की कल्पना भरी हुई है; यूरोप की कला में प्रकृति का अनुकरण है। इस कारण शायद पश्चिम की कला समझने में आसान हो सकती है लेकिन समझ में आने पर वह हमें पृथ्वी से ही जकड़ने वाली होगी, और हिंदुस्तान की कला जैसे-जैसे हमारी समझ में आएगी, वैसे-वैसे हमें ऊपर उठाती जाएगी।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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