रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरण

हर शिशु इस संदेश के साथ जन्मता है कि इश्वर अभी तक मनुष्यों के कारण शर्मसार नहीं है।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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