धर्म परिवर्तन करने के बारे में मैं यह नहीं कहना चाहता कि यह कभी उचित हो ही नहीं सकता। हमें दूसरों को अपना धर्म बदलने के लिए निमंत्रण नहीं देना चाहिए। मेरा धर्म सच्चा है और दूसरे सब धर्म झूठे हैं, इस तरह की जो मान्यता इन निमंत्रणों के पीछे रहती है, उसे मैं दोषपूर्ण मानता हूँ। लेकिन जहाँ ज़बरदस्ती से या ग़लतफ़हमी से किसी ने अपना धर्म छोड़ दिया हो, वहाँ उस में जाने में बाधा नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं उसे प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इसे धर्म-परिवर्तन नहीं कहा जा सकता।