एक सपने की मौत
मठ के दरवाज़े पर हाथों में जलती मोमबत्तियाँ लेकर भिक्षुणियाँ आदमियों की क़तार की अगवानी करने के लिए पहुँच गई थीं। भय ने क्रिस्तिन की पूरी चेतना को अपने क़ब्ज़े में कर लिया था। उसे लगा, जैसे चलते हुए वह कुछ तो ख़ुद अपने को ढो रही है और कुछ दूसरों के सहारे