सृजनात्मकता का आनंद
हिंदुस्तान की जो दार्शनिक पद्धतियाँ हैं उनमें जिसे हम आत्म कहते हैं, वह बहुत अलग है, वह इन सब सृष्टियों से परे है जो आदमी प्रकट कर रहा है। प्रकट तो वह प्रकृति के माध्यम से करता है। उसे प्रकृति कह लीजिए या पारंपरिक तौर पर माया कह लीजिए, उसी के माध्यम