Manglesh Dabral's Photo'

मंगलेश डबराल

1948 - 2020 | टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मंगलेश डबराल की संपूर्ण रचनाएँ

कविता 60

उद्धरण 25

हिंदी अगर एक छोटी-सी भाषा होती, लोग उसे प्रेम और मनुष्यता के साथ बरतते तो उसका लेखक इतना अकेला नहीं होता।

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बुख़ार की दुनिया भी बहुत अजीब है। वह यथार्थ से शुरू होती है और सीधे स्वप्न में चली जाती है।

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ख़राब किया जा रहा मनुष्य आज जगह-जगह दिखाई देता है।

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मुझे अपनी कविताओं से भय होता है, जैसे मुझे घर जाते हुए भय होता है।

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कभी-कभार मेरी कल्पना में ऐसी जगहें आती हैं जो दरअसल कहीं नहीं हैं या जिनके होने की सिर्फ़ संभावना है।

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वीडियो 14

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पहाड़ पर लालटेन : Manglesh Dabral | Hindi Poem | Hindwi

मंगलेश डबराल

पहाड़ पर लालटेन : Manglesh Dabral | Hindi Poem | Hindwi

व्योमेश शुक्ल

श्रद्धांजलि : Manglesh Dabral | Tribute | Hindi Poem | Hindwi |

अंजुम शर्मा

स्मरण : Manglesh Dabral | Devi Prasad Mishra | Hindwi

देवी प्रसाद मिश्र

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