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ललितमोहिनी देव

1723 - 1801 | ओरछा, मध्य प्रदेश

'टट्टी संप्रदाय' के अष्टाचार्यों में से अंतिम। रसरीति के कुशल व्याख्याता एवं वैराग्य के धनी।

'टट्टी संप्रदाय' के अष्टाचार्यों में से अंतिम। रसरीति के कुशल व्याख्याता एवं वैराग्य के धनी।

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