मुस्तफ़ा माज़ार
पौ फटते ही क़स्बे की सभी दिशाओं से ढोल पीटने वाले आ पहुँचे और जिन घुड़सवारों को स्वागत समारोह में भाग लेना था, वे भी इकट्ठे हुए।
बान्यालूका में आस्ट्रियाइयों पर विजय के उत्सव में दोबोई की गोलीबारी का यह चौथा दिन था। पूरे बाजनिया और विशेषकर दोबोई को