Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

दुरगा

फाग कवि।

फाग कवि।

दुरगा की संपूर्ण रचनाएँ

दोहा 1

नैनन में बिस बहुत है, ना मारौ दिलजान।

गुरन-गुरन बिंध जायगौ, कैसें निकरैं प्रान॥

  • शेयर
 

चौकड़ियाँ 4

 

Recitation

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए