मथुरा के रचनाकार
कुल: 38
रूप गोस्वामी
1493 - 1564
गौड़ीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख आचार्य, संत, भक्त, कवि और दार्शनिक।
रीतिकाल के सरस-सहृदय आचार्य कवि। कविता की विषयवस्तु भक्ति और रीति। रीतिग्रंथ परंपरा में काव्य-दोषों के वर्णन के लिए समादृत नाम।