मथुरा के रचनाकार
कुल: 12
स्वामी हरिदास
- जन्म : वृंदावन
कृष्णोपासक कवि। चतुष् ध्रुपद-शैली के रचयिता और तानसेन के संगीत गुरु। सखी संप्रदाय के प्रवर्तक।
गोस्वामी हरिराय
वल्लभ संप्रदाय से संबद्ध। कृष्ण-भक्ति के सरस पदों के लिए ख्यात। साहित्येतिहास ग्रंथों में प्रायः उपेक्षित।
भारतभूषण अग्रवाल
अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि।
गुणमंजरीदास
रीतिकाल और आधुनिककाल के संधि कवि। कृष्ण-भक्ति के पद पुरानी परिपाटी में लिखे। पदों में रूपक और उपमाओं की सुंदर प्रयोग।
नवनीतलाल चौबे
भारतेंदु युगीन कवि। पुरानी परिपाटी के लेखन में सक्रिय होने के साथ-साथ भाषा की नवीन गति के प्रवर्तन में भी भागीदार।