वाराणसी के रचनाकार
कुल: 13
भारतेंदु हरिश्चंद्र
1850 - 1885
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
जयशंकर प्रसाद
1889 - 1937
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।
अंबिकादत्त व्यास
1858 - 1900
'भारतेंदु मंडल' के कवियों में से एक। कविता की भाषा और शिल्प रीतिकालीन। 'काशी कवितावर्धिनी सभा’ द्वारा 'सुकवि' की उपाधि से विभूषित।
सुधाकर द्विवेदी
1860 - 1910
मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।