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बाँदा के रचनाकार

कुल: 6

सन् 1950 से कविता सीखने-लिखने की शुरुआत। पहले ख़ुद को प्रगतिशील माना, फिर इस प्रकार के विशेषणों से मुक्त हुए। 'यह कैसी दुर्धर्ष चेतना' कविताओं की एकमात्र किताब।

नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। लोक-संवेदना और जन-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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