चूरू के रचनाकार

कुल: 4

नई पीढ़ी के कवि। काव्य-शिल्प के लिए उल्लेखनीय।

राजस्थानी भाषा के अत्यंत समादृत साहित्यकार। महाकवि के रूप में सम्मानित। हिंदी में भी अपने प्रचुर लेखन की वजह से सुपरिचित और उल्लेखनीय।

हिंदी और राजस्थानी में निरतंर सृजन। कई पुस्तकें प्रकाशित। 'जब भी देह होती हूँ' नवीनतम कविता-संग्रह।

संस्कृत के कवि और संस्कृत-हिंदी भाषाओं के विद्वान। 'हरनामाम्रितम्' और 'विश्वमानवियम्' संस्कृत महाकाव्य के रचनाकार।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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