दिल्ली के रचनाकार

कुल: 25

वृंद

1643 - 1735

रीतिकालीन नीतिकवि। सूक्तिकार के रूप में स्मरणीय।

समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।

हिन्दी के सशक्त गद्यकार। 'आवारा मसीहा' कृति प्रसिद्धि का आधार। गाँधीवादी मूल्यों से प्रभावित। 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।

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