दिल्ली के रचनाकार

कुल: 16

रीतिकालीन काव्य-धारा के महत्त्वपूर्ण कवि। रीतिमुक्त कवियों में से एक। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा ‘साक्षात् रसमूर्ति’ की उपमा से विभूषित।

रहीम

1556 - 1627

भक्तिकाल के प्रमुख कवि। व्यावहारिक और सरल ब्रजभाषा के प्रयोग के ज़रिए काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और शृंगार के संगम के लिए स्मरणीय।

रीतिकालीन नखशिख परंपरा के कवि।

भक्तिकालीन निर्गुण मत की स्त्री संत। 'बावरी संप्रदाय' की संस्थापिका।

सुपरिचित कवि-लेखक। बाल-साहित्य में योगदान के लिए भी उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि-आलोचक-अनुवादक और संपादक।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

असमय दिवंगत कवि। हिंदी और अँग्रेज़ी में लिखी कविताओं का एक संग्रह 'उड़ान' शीर्षक से मरणोपरांत प्रकाशित।

रसिक और संगीत प्रेमी भक्त कवि। 'हरिदासी संप्रदाय' से संबद्ध।

इस सदी में सामने आईं हिंदी कवयित्री और कथाकार।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘दूसरा सप्तक’ की कवयित्री। प्रसिद्ध कवि गिरिजा कुमार माथुर की जीवन-संगिनी।

हिंदी की वामधारा के महत्त्वपूर्ण कवि-लेखक। पंद्रह से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित कवयित्री-कथाकार और अनुवादक। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

छायावाद युग की कवयित्री। पद्य, गद्य-काव्य और कथा विधा में दर्जनाधिक कृतियों का सृजन।

कविता और आलोचना विधा में सक्रिय। कवि-सम्मेलनों में भी आवाजाही।

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