पटना के रचनाकार

कुल: 9

समादृत कवि। ‘गोली दाग़ो पोस्टर’, ‘भागी हुई लड़कियाँ’ और ‘सफ़ेद रात’ सरीखी कविताओं के लिए लोकप्रिय।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

पेशे से पत्रकार, होम्योपैथ और मूलत: कवि। छह कविता-संग्रह प्रकाशित।

समादृत कवि-आलोचक। ‘नकेनवाद’ आंदोलन के तीन सूत्रधारों में से एक।

सुपरिचित कवि-लेखक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध। 'अस्वीकार से बनी काया' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन और फ़ोटोग्राफ़ी में भी सक्रिय।

रसिक भक्त कवि। रामकथा वाचक और भक्तमाल के टीकाकार।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। रंगमंच और सिनेमा में बतौर अभिनेता सक्रिय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए