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वापसी की यात्रा

vapsi ki yatra

नीरज नीर

अन्य

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नीरज नीर

वापसी की यात्रा

नीरज नीर

और अधिकनीरज नीर

    वापसी की यात्रा उम्मीदों से भरी होती है

    प्रकाश, प्रेम और ‘थकान से मुक्ति’ के जश्न की कामना लिए

    वापसी की यात्रा हमेशा छोटी होती है,

    गमन की यात्रा से।

    वापसी की यात्राएँ ज़मीन के साथ ही

    निर्वात में भी तय होती है।

    मन भागता है देह से पहले ही

    उड़ता हुआ जा पहुँचता है,

    घर की चौखट पर

    ढूँढ़ता है ख़ुशियों की चाभी।

    घर लौटना नींद में लौटना है,

    आश्वस्ति और सुकून के ग़िलाफ़ पर

    सर रखना।

    अपने घर का कमरा

    दुनिया में सबसे आरामदायक जगह होती है

    जहाँ लौट आता है आदमी

    मीलों यात्राएँ करने के बाद

    अच्छी नींद के लिए।

    यात्रा में,

    हर यात्री को लौटना होता है वहीं,

    जहाँ से वह चलता है।

    लौट आना प्रकृति है,

    लौट आना प्रेम है।

    यात्रा में लौटना यात्रा का सबसे अहम भाग है।

    यात्राओं का अंत कभी मंज़िल पर नहीं

    हमेशा प्रस्थान बिंदु पर ही होता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : नीरज नीर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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