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वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-31

wartikal poetri ha last poemz 31

रोबेर्तो ख्वार्रोस

रोबेर्तो ख्वार्रोस

वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-31

रोबेर्तो ख्वार्रोस

और अधिकरोबेर्तो ख्वार्रोस

    मैं अपने जीवन के सभी दिनों को जीना चाहा है

    लेकिन कुछ दिन मेरे बग़ल से निकल गए,

    कुछ दिन मैंने ख़ुद अपनी भटकन में गँवा दिए

    और कुछ दिन जीवन ने ख़ुद मुझसे चुरा लिए।

    या फिर शायद इन सबके पीछे एक ही कारण है :

    यथार्थ हमेशा सोची-समझी डकैती होता है

    और लगातार डकैती हो रही हो तो

    उसमें कुछ भी नहीं बचता,

    ये शब्द और यह मौन भी नहीं।

    और यह इच्छा करना भी

    कि हम अपने जीवन के सभी दिनों को जिएँ

    उन्हीं बहुत सारी भावनाओं की चोरी का हिस्सा है

    भावनाएँ जैसे प्रेम करना, मरना और देखना

    या सिर्फ़ होना

    या किसी को कुछ देना।

    चोरी करने वाले चोर या चोरों के गिरोह को खोजना

    या ईश्वर पर आरोप लगाना,

    यह सब करना भी डकैती करना है।

    दुःख की बात यह है कि इस महान डकैती के पीछे किसी का हाथ नहीं है।

    कोई ऐसा डकैत नहीं होता जो हमारा सब कुछ चुरा सके।

    क्योंकि इस डकैती के पीछे अगर कोई होता

    तो उसे इस सबसे पुराने क़ानून का पालन करना पड़ता :

    डकैत को डकैती का माल वापिस करना पड़ता है।

    पर किसी से कुछ भी वापिस नहीं मिलता।

    स्रोत :
    • संपादक : अविनाश मिश्र
    • रचनाकार : रोबेर्तो ख्वार्रोस
    • प्रकाशन : सदानीरा पत्रिका, अंक-21
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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