हमर पोर-पोरमे बसल अछि
हमर अपन गाम
सूतल-जागल/कोनो घड़ी
चलचित्र जकाँ अबैत अछि
आ गंगाक धार जकाँ
बहा कऽ लऽ जाइत अछि
सब सुख-दुख/अपना संग
मन शान्त भऽ जाइत अछि
मन पवित्र भऽ जाइत अछि।
हम जनैत छी
जे हमर गाममे
अपन कहैक लेल /किछु नहि अछि
ने घर ने अंगना
अपनाक नाम पर
ओ सब सम्बन्ध
जकरा जीवऩमे
हमर कोनो स्थाने नहि अछि
वर्तमानमे अतीतक
कोनो पहचाने नहि अछि
तैयो हर साँसमे
अनुभव करैत छी हम
अपनामे
अपना गामक
ओ गामक गली
हरियर-हरियर दूभिसँ
बीच दऽ निकलल
ओ एकपेरिया रस्ता
ओहि दूभिपर चमकैत
शीतक बुन्द
झोंझवला झाड़ीपर
लतरल-चतरल
चम-चम करैत
चमेलीक फूल
ओहि फूलसँ शृंगार करैत
ओहि फूल केँ अपना केसमे खोंसैत
राधा-गीता
लाल-पीयर भोरुका सूर्यक रौद संग खेलैत
डारिक ऊपर अल्हड़ाइत-मल्हराइत
कनैलक पीयर-पीयर फूल
अपना खरहोरीक खढ़सँ छारल
चारसँ टपकैत
रेशमी मोतीक धार जकाँ
ओ साओनक बरसैत बुन्द
कोनो यक्षिणिक/विरह गाथा सन गबैत
बारीमे ढ़ोइसा बेंग
मालक घरसँ/टकटकी लगौने
निर्दोषि आँखिसँ तकैत गाय
एक कर भात ले
हमर खेनाइ खतम होयबाक
प्रतीक्षा करैत साकी
जे कुकुर रहितो
नामसँ बन्हल छल
पहचानमे लेपटाओल छल
किछु बिसरि नहि सकैत छी हम
जखन आँखि मुनैत छी
लक्ष्मीनारायणजीक मन्दिर महक
घड़ीघण्टक आवाज
सुनाइ पड़ैत अछि कानमे
महावीरजी स्थान महक
सुन्दर कांडक पाँती
सुनहि विनय मम बिटप असोका
सत्य नाम करु हरु मम सोका
गुँजैत अछि कानमे
पुरवा-पछवाक बसातमे
फहराइत महावीरजीक पताका
पीपरक गाछक जड़िमे गाड़ल
बाँसक छाजा
ओहि पर फूलक वर्षा सन
बरसैत/सूखल पीपरक पात
पीयर पीपरक पात
ठुट्ठ भेल पीपरक डारि पर बैसल
चिड़ैक दू जोड़ी जोड़ा
आँखहि आँखिमे करैत
प्रेम सम्वाद
जल कुम्भीसँ बेधल
पोखरिक पानि
दुर्गापूजामे होइत भागवत कथा
काली पूजामे होइत तमाशा
सब किछु झलकैत अछि दृश्यमे
किछु बिसरि नहि सकैत छी हम
हमरा तऽ लगैत अछि
हर दिन, हर घड़ी
अपना गाममे/अपना खेतक आरि पर
धानक शीश सुररैत
अपना महार परहक
कचनारक गाछसँ
खोंइछा भरि फूल तोड़ैत
अपना चौबटिया पर
बटगबनी गबैत
बढ़ल चलि जा रहल छी
आगू-आगू आरो आगू धरि
माटिमे सानल पानि जकाँ
अलग नहि भऽ सकैत छी हम
कहियो अपना गामसँ
अपन अस्तित्व/अपन पहचानसँ
हम नहि मानैत छी
ओहि परम्परा/ओहि प्रथाकेँ
जे बापक घरमे
बेटीक कोनो स्थाने नहि देलक
ओकरा पतिसँ अलग
कोनो पहचाने नै देलकै।
- पुस्तक : परती परहक फूल (पृष्ठ 74)
- रचनाकार : कामिनी
- प्रकाशन : शेखर प्रकाशन
- संस्करण : 2013
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.