Font by Mehr Nastaliq Web

हत्या

मुख्तार आलम

अन्य

अन्य

और अधिकमुख्तार आलम

    कोनो शाहिद, माजिद, सोहेल

    राजीव सुभाष, महेश भूपेश

    बोनि मजूरीक आसमे

    जखन चलि जाइत अछि

    कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, रूस

    अरब, इरान, इराक

    तँ ओकर कए देल जाइत अछि हत्या

    हिन्दुस्तानीक नामपर

    कखनो प्रोटेस्टेंट कैथोलिकक नामपर

    सिया सुन्नीक नामपर

    फिरका-फिरकाक नामपर

    दिल्ली, कलकत्ता

    महाराष्ट्र आसाममे

    कोनो नईम, करीम, पहलू, तबरेज

    राजेश, जगदेव, गजाधर केर

    कए देल जाइत अछि हत्या

    बिहारी, बाहरीक नामपर

    राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेशमे

    बंगाल, झारखण्ड उत्तर प्रदेशमे

    सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णियामे

    पटना, तिरहुत, भागलपुर, मुंगेरमे

    मगध, सारण, दरभंगामे

    कए देल जाइत अछि हत्या—

    कोनो अफरोज, फिरोज, शोएब केर

    नीरज, विनोद, सुलिन्दर, महिन्दर केर

    सवर्ण-अवर्णक नामपर

    हिन्दू-मुसलमानक नामपर

    हत्या कए देल जाइत अछि

    जमीन विवादमे

    व्यापारक हिसेदारीमे

    प्रेम-प्रसंगमे

    राजनीतिक प्रतिद्वंद्वितामे

    क्षुद्र स्वार्थमे

    अपन अहंकेँ तुष्ट करबामे

    कोनो रेखा, बबीता सोनी

    रजिया, राबिया, नूजहत केर

    गाम-गाम शहर-शहरमे

    कए देल जाइत अछि हत्या

    देहमे आगि लगा कए

    विष खुआ कए

    गलामे फँसरी लगा कए

    मनमना दहेज नहि भेटबाक कारणें

    कुल्टा होयबाक आरोपमे

    चौमेदिनी पसरल अछि

    हत्याक साम्राज्य

    सगरो भए रहल अछि हत्या

    हत्या हत्या अगबे हत्या

    हमरा लेल एकटा हत्या

    हत्ये होइत अछि

    सरल, सहज, सामान्य गप

    जेना कटिकेँ खसल गाछक

    धमक केर असरि

    नहि पड़ैत अछि

    हमर मोन मियाजपर

    जेना कोनो नेना

    ढेपा फेंकैत अछि पानिमे तँ

    कनी कालक हिलकोरिक पछाति

    पानि भए जाइत अछि थीर

    तहिना अछि हमर

    संवेदनाक स्तर

    हम हत्याक खबरि सुनैत छी

    हत्याक खबरिसँ रंगल

    अखबारक पन्ना

    उनटाबैत-पुनटाबैत

    पढ़ै छी दुनिया-जहानक खबरि

    रंग-बिरंगक वस्तुक प्रचार संग

    कोनो सुन्नरि युवतीक फोटो देखैत

    बढ़ि जाइत छी आगू

    बिना दुखित,

    प्रभावित भेने

    मुदा एकटा हत्या

    हत्ये नहि होइत छैक

    कोनो हत्यासँ एकटा मायक

    उजरि जाइत अछि

    ममताक संसार

    डूबि जाइत अछि ओकर

    जीवन भरिक पूँजी

    ओकर अहर्निश तपस्या

    भए जाइत अछि मटियामेट

    एकटा स्त्रीक उजरि जाइत अछि

    जीवन

    एकटा पुरुष भए जाइत अछि

    चरित्रहीन, अनैतिक, दिक्भ्रमित

    एकटा नेनाक बंद भए जाइत अछि

    चॉकलेट, बिस्कुटक संग इस्कूल

    एकटा परिवार भए जाइत अछि

    विरान

    एकटा वंश पिछड़ि जाइत अछि

    संसारक एहि भागम-भागमे

    एकटा परिवार लेल

    भए जाइत अछि

    सौंसे दुनिया अन्हार

    कतेक अभिलाषामे

    पजरि जाइत अछि आगि

    एकटा हत्यासँ

    उठि जाइत अछि

    पुलिस प्रशासन परसँ भरोस

    मोह भंग भए जाइत अछि

    व्यवस्थासँ

    लोकतंत्रक देबाल

    दरकि जाइत अछि

    तेँ बहुत भए गेल हत्या

    आब खेल

    बंद होयबाक चाही।

    स्रोत :
    • पुस्तक : परिचय बनैत शब्द (पृष्ठ 38)
    • रचनाकार : मुख्तार आलम
    • प्रकाशन : मुख्तार आलम
    • संस्करण : 2021

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY