मोबाइल

mobile

मंगलेश डबराल

और अधिकमंगलेश डबराल

    वे गले में सोने की मोटी जंज़ीर पहनते हैं

    कमर में चौड़ी बेल्ट लगाते हैं

    और मोबाइलों पर बात करते हैं

    वे एक आधे अँधेरे और आधे उजले रेस्तराँ में घुसते हैं

    और खाने और पीने का ऑर्डर देते हैं

    वे आपस में जाम टकराते हैं

    और मोबाइलों पर बात करते हैं

    उनके मोबाइलों का रंग काला है या आबनूसी

    चाँदी जैसा या रहस्यमय नीला

    उनके आकार पतले छरहरे या सुडौल आकर्षक

    वे अपने नए मोबाइलों को अपनी नई प्रेमिकाओं की तरह देखते हैं

    और उन पर बात करते हैं

    वे एक-दूसरे के मोबाइल हाथ में लेकर खेलते हैं

    और उनकी विशेषताओं का वर्णन करते हैं

    वे एक अँधेरे-उजले रेस्तराँ में घुसते हैं

    और ज़्यादा खाने और ज़्यादा पीने का ऑर्डर देते हैं

    वे धरती का एक टुकड़ा ख़रीदने का ऑर्डर देते हैं

    वे जंगल पहाड़ नदी पेड़

    और उनमें दबे खनिज को ख़रीदने का ऑर्डर देते हैं

    और मोबाइलों पर बात करते हैं

    वे पता करते रहते हैं

    कहाँ कितना खा और पी सकते हैं

    कहाँ कितनी संपत्ति बना सकते हैं

    वे पता करते रहते हैं

    धरती कहाँ पर सस्ती है खाना-पीना कहाँ पर महँगा है

    वे फिर से एक अँधेरे-उजले रेस्तराँ में बैठते हैं

    और सस्ती धरती और महँगे खाने-पीने का ऑर्डर देते हैं

    और मोबाइलों पर बात करते हैं

    वे फिर से अपनी जंज़ीरें ठीक करते हैं बेल्ट कसते हैं

    वे अपने मोबाइलों को अपने हथियारों की तरह उठाते हैं

    और फिर से कुछ ख़रीदने का आर्डर देने चल देते हैं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मंगलेश डबराल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए