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अग्रजक स्वागत

agrjak svagat

महाप्रकाश

अन्य

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महाप्रकाश

अग्रजक स्वागत

महाप्रकाश

और अधिकमहाप्रकाश

    अबैत जाउ हे अग्रजलोकनि, अबैत जाउ

    अहाँक स्वागत अछि, अबैत जाउ

    मुदा, अहाँ अपन उपदेशक पेटार बन्न राखू

    हमरा नहि चाही अहाँक पयर अथवा मुट्ठी

    हम अपनहि पयरेँ नापब देश-कोस

    हमरा अपनहि मुट्ठी मे अछि कालखंडक मानचित्र

    हम अपनहि हाथेँ टोबैत छी, टोबैत रहब प्राणशिरा

    अबैत जाउ हे अग्रजलोकनि, अबैत जाउ!

    माथ परक छत्ता अहाँक अपन नहि छी

    ओहि मे अहाँ नहि अँटि सकब

    ओकर कमानी टूटल कपड़ा फाटल अछि

    गसियाक’ धयने रौद मे, बरखा मे नहि बाँचत

    अन्हड़ मे उड़िया जायत

    बड़ ओछ अछि

    अबैत जाउ हे अग्रजलोकनि, अबैत जाउ!

    कोनो अहिंसात्मक शब्द केँ

    गलित शब्द-लहास केँ

    भोंकैत रहला सँ कोरामिन

    सुँघबैत रहला सँ ऑक्सीजन

    कपोत जकाँ नहि उड़ि सकत

    नील उन्मुक्त आकाश मे

    फाटल फुकना जकाँ लुद द’ बैसि रहत

    अबैत आउ हे अग्रजलोकनि, अबैत जाउ!

    बिहरि मे जुनि नुकाउ

    सड़ि गेल अछि, आबि रहल अछि दुर्गन्ध

    लोहक टोप उतारि लिय’

    भरिया गेल होयत माथ

    देबालक ओहि पार जुनि जाउ

    लोह भ’ जायत गात

    लोह कटैत अछि छेनी सँ

    चोट पड़ैत छैक हथौड़ा सँ

    अखन हमरा हाथ मे कागत अछि

    अखन हमरा हाथ मे कलम अछि

    अबैत जाउ हे अग्रजलोकनि, अबैत जाउ!

    —अहाँक स्वागत अछि!

    स्रोत :
    • पुस्तक : संग समय के (पृष्ठ 9)
    • रचनाकार : महाप्रकाश
    • प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
    • संस्करण : 2007

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