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लाल ललकार

laal lalkar

विजेता चौधरी

अन्य

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विजेता चौधरी

लाल ललकार

विजेता चौधरी

और अधिकविजेता चौधरी

    पहाड़क खोँचसँ उठल छैक

    लाल ललकार

    जानि नहि कथीक विरुद्ध

    शान्ति किंवा स्वतन्त्रताक विरुद्ध

    वा सामन्तवादक विरुद्ध

    मुदा उठल छैक लाल ललकार

    गामक-गाम, घरक-घर, युद्धक अवशेष छोड़ैत

    कतहु धरतीक कोखि लाल करैत

    कतहु आकाशक क्षितिज लाल करैत

    जानि नहि के ओछा देने छैक बम बारुद

    खेलक मैदान भरि

    स्कूलक कम्पाउण्ड भरि

    उड़ि रहल छैक गेन्द जकाँ

    गेन्दक लोभमे बुचिया सभक प्राण

    रेडियो समाचारमे छैक मात्र मृत्युक खबरि

    बारुदक गन्ध

    ओछाकऽ सड़क भरि एम्बुस

    हजारहुँ निर्दोषकेँ झोकिकऽ

    जीबैत दावानलमे

    जंगलमे गाड़िकऽ थाकक-थाक लाश

    उबजुबाबऽ चाहैछ लाशक जंगल

    किंवा मुर्दाक संसार

    जानि नहि

    मुदा उठल छैक लाल ललकार

    एकमुश्त

    सम्पूर्ण देशकेँ बनाकऽ कुरुक्षेत्र

    बुद्धक देशसँ बुद्धकेँ भगाकऽ

    सगरो युद्ध बाँटि रहल अछि

    गोली-बारुदक कोलाहलमे

    बंद कोठरीक भीतरक एकगोट त्रस्त संसार

    युद्धक उपरान्त

    हथोड़ि रहल अछि लाशक भीड़मे

    टुग्गर भऽ पिताक चेहरा

    वृद्ध अपन लाठी

    मुदा लाल नोरक दहमे उबजुबायल वर्त्तमान

    विधवाक अयना जकाँ टाँगल छैक

    उदास बेरंग।

    स्रोत :
    • पुस्तक : धाराक विरुद्ध (पृष्ठ 38)
    • रचनाकार : विजेता चौधरी
    • प्रकाशन : नवारम्भ
    • संस्करण : 2019

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