Font by Mehr Nastaliq Web

कमर तोर महँगाई

kamar tor mahngai

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

कमर तोर महँगाई

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

और अधिकजगजीवन मिश्र ‘जीवन’

    का बताई बबुआ-का सुनाई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई का बताई बबुआ

    हरदी मिरचा तेलु दूरि भा हइ उबली तरकारी

    कबहुँ बिनइ खाए सोवइ का कहइ मोरि महतारी

    बीतइ रतिया देखि जोन्हाई का बताई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई का बताई बबुआ

    सक्कर चाय दालि आँटा के भाउ पूछेउ कोई

    जइसे तइसे सबकी कटिहइ रामु करी सो होई

    बनिगा जीवनु हइ दुखदाई का बताई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई-का बताई बबुआ

    डीजल पिटरोलउ महँगा हइ सस्ती दूध मलाई

    गेंहूँ से डी पी महँगी कइसे खेत बवाई

    कइसे ओढ़िबे अब रजाई का बताई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई-का बताई बबुआ

    तहिमा मोबाइल सीडी यह औरउ खपड़ी चाटे

    मेहेरिउ के नखरा अलबेले वहउ नरकसी काटे

    नहि तउ मेहेरिउ होइ पराई का बताई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई-का बताई बबुआ

    कहाँ कमाई एतनी हमरी बिटियउ भई सयानी

    कुछु बरषा कुछ सूखा लइगा लइ गइ बेरामी

    कइसे घर बजिहइ सहनाई का बताई बबुआ

    छाई कमर तोर महँगाई-का बताई बबुआ

    स्रोत :
    • पुस्तक : सिरका (अवधी गीत संग्रह) (पृष्ठ 10)
    • रचनाकार : जगजीवन मिश्र ‘जीवन’
    • प्रकाशन : भगवत मेमोरियल इंटर कॉलेज समिति, मिश्रिख, सीतापुर
    • संस्करण : 2015

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY