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कामकाजी लोग

kamakaji log

अनुवाद : सरिता शर्मा

ज्याँ आर्थर रम्बो

अन्य

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ज्याँ आर्थर रम्बो

कामकाजी लोग

ज्याँ आर्थर रम्बो

और अधिकज्याँ आर्थर रम्बो

    ओह! गुनगुनी फ़रवरी की वह सुबह!

    असमय दक्षिणी हवा से आई

    हम बेचारे ग़रीबों की यादों में हलचल मचाने के लिए,

    हमारी जवानी की तकलीफ़ें।

    हेनरिका के पास था

    भूरे और सफ़ेद रंग का चारखानेदार सूती घाघरा

    जिसे पिछली सदी में पहना गया होगा,

    रिबन वाला टॉप और एक रेशमी स्कार्फ़।

    यह किसी भी शोक से ज़्यादा दुःखद था।

    हम उपनगर में टहल रहे थे।

    आकाश में बादल छाए थे

    और दक्षिण से आई उस हवा ने

    उजाड़ बग़ीचों और सूखे खेतों की

    दुर्गंध को जगा दिया।

    उसने मेरी पत्नी को इतना नहीं थकाया जितना मुझे।

    पिछले महीने की बारिश से बने पोखर में,

    काफ़ी ऊँचे रास्ते पर,

    उसने मेरा ध्यान नन्हीं मछलियों की ओर दिलाया।

    धुएँ और कारख़ाने के शोर वाला शहर

    हमारे पीछे चला दूर तक रास्तों पर।

    आह! दूसरी दुनिया, वास स्थान

    आकाश और छाया से समृद्ध!

    दक्षिणी हवा दुःखद यादें लाई

    मेरे बचपन की, मेरी गर्मी की पीड़ा की,

    ताक़त और ज्ञान की भयानक मात्रा

    जिसे भाग्य ने दूर रखा है मुझसे, छुपा कर रखा है सदा।

    नहीं! हम गर्मियाँ नहीं बिताएँगे

    इस लालची देश में

    जहाँ हम कुछ भी नहीं हो पाएँगे

    सगाई किए हुए अनाथ जोड़े के सिवाय।

    मैं इस मज़बूत हाथ को थामे रहना चाहता हूँ

    पोषित छवि को खींचते रहने से रोकने के लिए।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 22)
    • रचनाकार : ज्याँ आर्थर रम्बो
    • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
    • संस्करण : 2020

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