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जाहिलों का सेनानायक एक दिन सरेआम ख़ुदकुशी कर लेगा

jahilon ka senanayak ek din saream khudakushi kar lega

कपिल भारद्वाज

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कपिल भारद्वाज

जाहिलों का सेनानायक एक दिन सरेआम ख़ुदकुशी कर लेगा

कपिल भारद्वाज

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    जेल में यातना दी जा रही हैं सत्य को

    टाँगे तोड़कर अपाहिज कर दिया गया है

    आँखों को फोड़ दिया जाएगा सत्य की

    कानों में डाल दिया जाएगा पिघलाकर सीसा

    ये नया भारत है जहां सत्य की कोई ज़रूरत नहीं

    बस झूठ का घटाटोप चाहिए इसे।

    इसे ईश्वर से कोई मतलब है

    और ही किसी धर्म से

    ही आस्था से।

    एजेंटगिरी करते फिर रहे हैं

    ईश्वर को, धर्म को और आस्था को डाल रखा है

    एक ऑनलाइन सेल्स कंपनी की वेबसाइट पर।

    जाहिलों का सेनानायक एक दिन सरेआम ख़ुदकुशी कर लेगा

    जब उनकी यह मल्टीनेशनल कंपनी को लक्कड़भगे डीफाल्टर कर देंगे

    जबकि कंपनी का दफ़्तर शिफ़्ट हो जाएगा किसी दूसरी जगह।

    स्रोत :
    • रचनाकार : कपिल भारद्वाज
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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